संदेश

How to remove acne in hindi

चित्र
            कील - मुंहासे ऊपर आपको बीमारी होने का कारण और फिर नीचे आपको औषधि बतायी गई है।    रोग परिचय,कारण व लक्षण   यह युवावस्था में लड़कों और लड़कियों ( दोनों ) को होने वाला  दीर्घकालीन रोग है।  जिसमें तेल ग्रन्थियों में कीलों (Comedoness )  के साथ - साथ पस (Pus ) वाली स्फूटिकायें ( Pustules ) और  पिटिकायें ( Papules ) भी होती है । इन्हें आधुनिक चिकित्सा  विज्ञान में ' एक्नीबल्गेरिस ' भी कहा जाता है । यह प्राय : चेहरा ,  छाती , पीठ और बाजुओं के ऊपरी भाग में होते हैं तथा प्रायः उन  लोगों को यह अधिक होता है जिन्हें पसीना अधिक आता है तथा  त्वचा तैलीय (ऑयली ) रहती है । आनुवांशिकता का भी इस पर  प्रभाव होता है । इसका मूल कारण अन्तःस्रावी होता है । जवानी में  आमतौर पर अनेक युवक - युवतियों में मुंहासे निकलने का कष्ट / रोग  होता है ।  लगभग 30-35 वर्ष की आयु के बाद कील मुंहासे का निकलना प्रायः बन्द हो जाता है ।  रोग के मुख्य कारण - तेल ग्रन्थियों में रुकावट आ जाने से तैलीय द्रव त्वचा से बाहर नहीं  निकल पाता है और कील पड़ जाती है । जीवाणु जो प्रायः तैलीय ग्रन्थियों में पाये जाते हैं , 

खाज खुजली से तुरंत छुटकारा कैसे पाये

चित्र
                        खाज - खुजली  नोट - पहले कारण व लक्षण बताया गया और नीचे में औषधि बताया गया है।  यह एच माईट ( किलनी ) यानि ' सारकोप्टीज स्केबियाई ' के द्वारा उत्पन्न त्वचा का एक सन्सर्गी रोग है । मादा त्वचा के नीचे बिल बनाकर समय - समय पर अण्डे एकत्रित करती रहती है , जिससे रोगी को खुजली के साथ - साथ उस स्थान पर चकत्ते पड़ जाते हैं । पैर व हाथों की अंगुलियों के मध्य की त्वचा , बगलें और जोड़ों के स्थान ( जहाँ त्वचा ढीलो होती है । ) अधिक प्रभावित होते हैं । यह रोग ' चेहरे ' पर कभी नहीं होता है । रोग के मुख्य कारण • ' सारकोप्टस स्केवी ' नामक जीवाणु मुख्य कारण है । अन्य सहायक कारण  • वृद्धावस्था के पविर्तन । बच्चे जो गन्दगी में खेलते हैं ।  • सफाई ठीक ढंग न रखने वालों में ।  • एक रोगी जिसे यह रोग हो रहा हो उसके साथ सम्पर्क में आने से तथा उन कपड़ों को प्रयोग लाने से यह रोग अन्य / दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को भी हो जाता है ।  • यह रोग ग्रीष्म ऋतु में पसीना जमा होने पर अधिक पाया जाता है । • एलर्जी उत्पन्न करने वाली औषधियों के प्रयोग से । मानसिक रोगों के परिणामस्वरूप ।