How to remove acne in hindi
कील - मुंहासे ऊपर आपको बीमारी होने का कारण और फिर नीचे आपको औषधि बतायी गई है। रोग परिचय,कारण व लक्षण यह युवावस्था में लड़कों और लड़कियों ( दोनों ) को होने वाला दीर्घकालीन रोग है। जिसमें तेल ग्रन्थियों में कीलों (Comedoness ) के साथ - साथ पस (Pus ) वाली स्फूटिकायें ( Pustules ) और पिटिकायें ( Papules ) भी होती है । इन्हें आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में ' एक्नीबल्गेरिस ' भी कहा जाता है । यह प्राय : चेहरा , छाती , पीठ और बाजुओं के ऊपरी भाग में होते हैं तथा प्रायः उन लोगों को यह अधिक होता है जिन्हें पसीना अधिक आता है तथा त्वचा तैलीय (ऑयली ) रहती है । आनुवांशिकता का भी इस पर प्रभाव होता है । इसका मूल कारण अन्तःस्रावी होता है । जवानी में आमतौर पर अनेक युवक - युवतियों में मुंहासे निकलने का कष्ट / रोग होता है । लगभग 30-35 वर्ष की आयु के बाद कील मुंहासे का निकलना प्रायः बन्द हो जाता है । रोग के मुख्य कारण - तेल ग्रन्थियों में रुकावट आ जाने से तैलीय द्रव त्वचा से बाहर नहीं निकल पाता है और कील पड़ जाती है । जीवाणु जो प्रायः तैलीय ग्रन्थियों में पाये जाते हैं ,