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सिर दर्द किन किन वजह से होता है

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                             सिरदर्द                         सिर दर्द किन किन वजह से होता है रोग परिचय, कारण व लक्षण यह कोई स्वतन्त्र रोग न हो कर किसी अन्य रोग/कारण का एक  लक्षण मात्र है । मस्तिष्क में वेदना नहीं होती, केवल कपाल के बाहर  मानव में, कपाल के Periostium में आर्टरी में तथा कपाल के भीतर  Venous Sinuses में Dura में, मस्तिष्क गत आर्टरीज  (Arteries) में, पञ्चम नाड़ी, Trigeminal, नवम  Glossopharyngeal एवं दशम् Vagus नाड़ी में 'संज्ञा' की  प्रतीति है। इन्हीं कारण Dura व Menenges में वेदना (Pain)  की प्रतीति होती है। कपालान्तर्गत धमनियों में रक्त के अधिक भर  जाने तथा उनके फैल जाने और उनके प्रबल स्पंदन से अथवा उनमें रक्तभार (ब्लड प्रेशर) के भार के जाने यानि एक्सटर्नल कैरोटिड  आर्टरी की शाखाओं के फैल जाने से तथा कपाल के भीतर दबाव  के बढ़ जाने से प्रायः सिर दर्द हुआ करता है, यथा विषम जवर,  मन्थर ज...

सर्दी जुकाम का ईलाज क्या है what is coryza in hindi

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                        सर्दी-जुकाम              (Coryza\Common Cold) पर्यायवाची- सर्दी लगना, नजला, प्रतिश्याय, Allergic Rhinitis, Viral Rhi-nasopharyngitis. रोग परिचय, कारण व लक्षण यह रोग अक्सर, 'वायरस' द्वारा होता है तथा लगभग प्रत्येक व्यक्ति  वर्ष भर में 2-3 बार इस रोग से प्रभावित होता है। यह रोग बच्चों  से लेकर बुर्जुगों तक में प्रत्येकलिंग (सैक्स) के व्यक्ति को हो  सकता है, परन्तु बच्चे इससे अधिक प्रभावित रहते हैं (क्योंकि  उनकी 'इम्युनिटी' यानि रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता कम होती है। यह  एक संक्रामक रोग है। कारण - • प्रमुख कारण वायरस। • मुख्य रूप से यह मौसम परिवर्तन के समय होता है तथा शीत ऋतु में इसका प्रकोप अधिक रहता है • अधिक समय तक ठण्डे जल में स्नान करना।  • अधिक पसीना युक्त शरीर में ठण्डा जल सेवन करना। • अधिक पसीना से तर-बतर शरीर को अचानक नंगा कर देना। • आनुवांशिक कारण (जिसमें परिवार में ऐसा इतिहास (हिस्ट्री) किसी और भी होता है। • मनोवैज्ञानिकों। • यौवनारम...

what is blood pressure in hindi hypertension

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                हृदय संस्थान के रोग                उच्च रक्त (उच्च रक्तचाप) रोग का परिचय, कारण और लक्षण यह दबाव (प्रेशर) जिससे रक्त धमनियों (कलाकारों) में प्रवाह करता है  है किको ब्लड / रक्तदाव (ब्लड प्रेशर) कहते हैं।  यह प्रत्येक व्यक्ति में, प्रत्येक आयु में अलग अलग होता है और  समय के साथ कम या अधिक (लो या हाई) होता रहता है।  रक्त-विकार, तनाव, भय, परिश्रम, विश्राम (बैठने-लेटने), दर्द,  मानसिक अवस्था, पेट की खराबी (कब्ज, गैस) या अन्य कारणों से कम या अधिक हो सकती है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) (विश्व हैल्थ आर्गेनाइजेशन) के  तदनुसार मानव मन में ब्लड प्रेशर 160/95 mmHg OR  उसके ऊपर / अधिक हो तो उसको हाई ब्लडप्रेशर '(उच्च रक्त) मानना ​​चाहिए।  सामान्य / प्राकृत (नार्मल) ब्लडप्रैशर वयस्क पुरुष 120/90 mmHg और बच्चों में 100/60 mmHg माना जाता है।  स्त्रियों के पुरुष पुरुषों की अपेक्षा 3% ब्लड प्रेशर कम होता है।  ब्लड प्रेशर को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक ...

पेट में दर्द क्यों होता है

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(आन्त्रशूल/उदरशूल-पेट में दर्द)  (Intestinal Colic, Colic Pain) पर्यायवाची- आमाशमिक शूल (एब्डोमिनल पेन Abdominal Pain) गैस्ट्राल्जिमा  (Gastralgia) तीव्र उदरशूल, मरोड़, कोलिक, पेटदर्द, एंटरैल्जिया (Enteralgia)।  रोग परिचय, कारण व लक्षण छोटी आंत में रूकावट अथवा किसी अन्य कारण से होने वाले पेट दर्द  में आन्त्र शूल" (इंटेस्टाइनल क्लिक) कहा जाता है । इससे आंतों में  किसी प्रकार का यान्त्रिक परिवर्तन नहीं होता है। विभिन्न अंतरंगों  (विसरा) में तीव्र तथा उद्वेष्टक (स्पासमोडिक-Spasmodic) पीड़ा  को शूल (Colin- कोलिक) कहा जाता हैं इसमें पीड़ित रोगी के पेट के  भीतर सुई गढ़ाने जैसा दर्द होता है, जो अत्यन्त ही भयानक होता है।  इस कष्ट के कारण रोगी अत्यन्त व्याकुल हो जाता है और श्वास तक  नहीं ले पाता है। अस्तु रोगी कष्ट कष्ट से छटपटाता है। इस दर्द की  प्रकृति-ऐंठन, खोंचा मारना, मरोड़ अथवा अकड़न की तरह होती है।  रोगी को पहले नाभि के चारों ओर अथवा पेट के दोनों बगलों से दर्द  आरम्भ होकर तदुपरान्त क्रमश: पेट में चारों ओर फैल जाता है। दर्द...

How to remove acne in hindi

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            कील - मुंहासे ऊपर आपको बीमारी होने का कारण और फिर नीचे आपको औषधि बतायी गई है।    रोग परिचय,कारण व लक्षण   यह युवावस्था में लड़कों और लड़कियों ( दोनों ) को होने वाला  दीर्घकालीन रोग है।  जिसमें तेल ग्रन्थियों में कीलों (Comedoness )  के साथ - साथ पस (Pus ) वाली स्फूटिकायें ( Pustules ) और  पिटिकायें ( Papules ) भी होती है । इन्हें आधुनिक चिकित्सा  विज्ञान में ' एक्नीबल्गेरिस ' भी कहा जाता है । यह प्राय : चेहरा ,  छाती , पीठ और बाजुओं के ऊपरी भाग में होते हैं तथा प्रायः उन  लोगों को यह अधिक होता है जिन्हें पसीना अधिक आता है तथा  त्वचा तैलीय (ऑयली ) रहती है । आनुवांशिकता का भी इस पर  प्रभाव होता है । इसका मूल कारण अन्तःस्रावी होता है । जवानी में  आमतौर पर अनेक युवक - युवतियों में मुंहासे निकलने का कष्ट / रोग  होता है ।  लगभग 30-35 वर्ष की आयु के बाद कील मुंहासे का निकलना प्रायः बन्द हो जाता है ।  रोग के मुख्य कारण - तेल ग्रन्थियों में रुकावट आ जाने से तैलीय द्रव त्वचा स...

खाज खुजली से तुरंत छुटकारा कैसे पाये

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                        खाज - खुजली  नोट - पहले कारण व लक्षण बताया गया और नीचे में औषधि बताया गया है।  यह एच माईट ( किलनी ) यानि ' सारकोप्टीज स्केबियाई ' के द्वारा उत्पन्न त्वचा का एक सन्सर्गी रोग है । मादा त्वचा के नीचे बिल बनाकर समय - समय पर अण्डे एकत्रित करती रहती है , जिससे रोगी को खुजली के साथ - साथ उस स्थान पर चकत्ते पड़ जाते हैं । पैर व हाथों की अंगुलियों के मध्य की त्वचा , बगलें और जोड़ों के स्थान ( जहाँ त्वचा ढीलो होती है । ) अधिक प्रभावित होते हैं । यह रोग ' चेहरे ' पर कभी नहीं होता है । रोग के मुख्य कारण • ' सारकोप्टस स्केवी ' नामक जीवाणु मुख्य कारण है । अन्य सहायक कारण  • वृद्धावस्था के पविर्तन । बच्चे जो गन्दगी में खेलते हैं ।  • सफाई ठीक ढंग न रखने वालों में ।  • एक रोगी जिसे यह रोग हो रहा हो उसके साथ सम्पर्क में आने से तथा उन कपड़ों को प्रयोग लाने से यह रोग अन्य / दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को भी हो जाता है ।  • यह रोग ग्रीष्म ऋतु में पसीना जमा होने पर अधिक पाया जाता है । • एलर्जी उत्पन्न ...