संदेश

headache types and treatment in hindi | neurology in hindi |neurology treatment in hindi |neurology medicine | तंत्रिका तंत्र के रोगों के लक्षण और उपचार |तंत्रिका तंत्र के रोग

चित्र
           तंत्रिका तंत्र के रोगों की                  एलोपैथिक चिकित्सा               (Neurology Treatment)    सिरदर्द/शिरःशूल (Headache) चिकित्सा विधि एवं आवश्यक निर्देश- सिरदर्द कोई रोग नहीं है, बल्कि शरीर में व्याप्त किसी अन्य कष्ट  (डिस्आर्डर्स)का लक्षण मात्र है। अत: जिन कारणों से सिरदर्द हो  उस मूल कारण को दूर करें। .  •ऐसी व्यवस्था करें ताकि रोगी को पेट में वायु (गैस) न बने तथा कब्ज न रहे। •सिरदर्द का कारण यदि तनाव हो तो प्रशान्तक (ट्रान्क्लिाइजर्स  Tranquilizer) औषधियों का प्रयोग करना चाहिए।  • यदि शिरोवेदना संक्रमण हेतु हो तो कोई उपयुक्त एंटीबायोटिक का प्रयोग करना चाहिए। यदि रात-दिन रोगी को सिरदर्द हो (जिसका कारण पेट की गैस,  स्नायु दुर्बलता व रक्तभार (B.P.) वृद्धि होता है।) तो उसका निदान कर समुचित चिकित्सा दें। • सिरदर्द का कारण ज्ञात न होने पर वेदनाहर (एनालजेसिक)  औषधि दी जाती है, अन्यथा 'कारण' को दूर करना ही सर्वोत्तम...

पुरुषों के गुप्त रोग | स्वप्न दोष (Night Discharge)|swapandosh ke karan

चित्र
                    पुरुषों के गुप्त रोग               स्वप्न दोष (Night Discharge) पर्यायवाची-नाइटफाल (Nightfall), पोल्युशन (Pollution) नेचुरल इमेज नाइट ड्रीम, उर्दू (हिकमत में एहतलाभ), धातु गिरना। स्वप्न प्रमेह। रोग परिचय, कारण व लक्षण  जब पुरुषों में निद्रावस्था में (रात अथवा दिन में) स्वप्नावस्था में  स्वतः वीर्यपात हो जाता है तो ऐसी अवस्था को 'स्वप्न दोष' कहा  जाता है। हालांकि यह युवक वर्ग में उद्दीप्त यौन प्रवृत्ति व इच्छा की मानसिक और शारीरिक तृप्ति हेतु प्राकृतिक सुविधा (नारी संसर्ग) के अभाव में वीर्यपात होने की (वीर्य के निकल जाने की)  स्वभावित क्रिया है। अरस्तु 1 माह में 2-4 बार स्वप्नदोष होना  सामान्य/प्राकृत है। यह कोई रोग नहीं होता। अत: इसकी चिकित्सा  करने की भी कोई आवश्यकता नहीं होती है, किन्तु यदि स्वप्नदोष  1 माह में 8-10 बार अथवा इससे इधिक बार होने लगे तो वह रोग  है और उसकी चिकित्सा की आवश्यकता होती है तथा उसकी  समुचित चिकित्सा होनी/करान...

hyperhidrosis treatment |hyperhidrosis kya hai| पसीने से छुटकारा|पसीने की बीमारी का इलाज |पसीने की बदबू का कारण

चित्र
            पसीने की अधिकता (Hyperidrosis)  पर्यायवाची-हाईप्रीड्रोसिस, हाइपर हाइड्रोसिस                                              (Hyperhidrosis),अतिस्वेदलता। स्मरण रहे कि 'हाइपर हाइड्रोसिस' को ही 'हाइप्रीड्रोसिस' भी कहा  जाता है किन्तु हाइपर ड्रोसिस शब्द वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्द  माने जाते हैं, जिसका मानकत कनीक हिन्दी शब्द 'अतिस्वेदलता' है। स्वस्थावस्था में वैसे तो गर्मी से पसीना अधिक आने लगता है तथा  व्यायाम के कारण भी पसीना बहने लगता है परन्तु कई रोगों के  कारण भी अधिक पसीना आने लगता है (यथा मलेरिया, फेफड़ों  का क्षय, रक्त का दूषित होना और पीप (Pus) युक्त हो जाना (Pyaemia) तीव्र ज्वर दूर होने के समय और अस्थि मृदुता आदि  रोगों में अधिक पसीना आना एक प्रमुख लक्षण होता है।          औषधि {पसीने की अधिकृत (Hyperidrosis)} • रोगी को प्रतिदिन गर्म पानी और साबुन से स्नान करने के लिए ...

हार्ट से बचने का आसान उपाय। How to prevent from heart attack

चित्र
                            हार्ट  से बचने का आसान उपाय Blockage<70% No Problem (कचरा या Bad  Cholesterol) Blockage>70% चिंता नहीं चिंतन की  जरूरत Angioplasty या By pass ना करें नहीं तो बार-बार  करवाना पड़ेगा।  1. डालडा घी किसी भी नाम से हो और किसी भी  प्रकार का Refined Oil का प्रयोग बन्द कर दें। 2. देसी गाय का घी खाएँ इससे जरा सा भी खून में कचरा (Bad Cholesterol) नहीं बढ़ता ।अगर आप भैंस का घी खा रहे हैं तो थोड़ा कम खाएँ। 3. तेल सरसों का केवल Filtered (छना हुआ) प्रयोग करें। तेल जितना गाढा उतना अच्छा है। कहते हैं तेल गाढ़ा और दूध पतला अच्छा होता है इसलिए गाए का दूध अच्छा ।  4. जिसको भी Heart में दिक्कत होती है यह पता लगता है ज्यादातर लोग Refined Oil का प्रयोग करते हैं।  5. थोड़ा योगा और प्राणायाम धीरे-धीरे जरूर  करें। या सुबह शाम जरूर टहलें। ज्यादाठण्ड से अपने आप को बचायें। 6. नमक बदल दें। खाने में सिर्फ सेंधा या काला नमक का ही प्रयोग करें। इससे भी कचरा (Cholester...

बिजली का झटका लग जाना । ( Electric current/Electrical Injuries) । How to treatment of Electrical Injuries in hindi

चित्र
                  बिजली का झटका लग जाना            ( Electric current/Electrical Injuries)  रोग परिचय, कारण व लक्षण वर्तमान समय में बिजली का उपयोग दिन प्रतिदिन घरों में काम  आने वाली चीजों,उद्योगों, मेडिकल एवं अन्य समस्त क्षेत्रों में  निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है। बिजली का झटका प्राय: दुर्घटनावश  अथवा आत्महत्या के प्रयास के फलस्वरूप लगता है। बिजलीघरों  में काम करने वालों में ऐसे अचानक बिजली द्वारा यात्रा होने आदि  कई बातों का ध्यान रखकर अभिघात का अनुमान लगाया जाता  है, यथा हाई वोल्टेज, करन्ट का इसका समय बिजली लगने के  मार्ग जहाँ से संपर्क हुआ हो। बिजली के खुले तारों से शरीर के  किसी अंग का स्पर्श होने पर बिजली का करन्ट लगता है, क्योंकि  खुले/नंगे तार और जमीन के बीच शरीर सुचालक (Good  Conductor) का काम करता है।  विद्युत अपघात सम्बन्धी कारण  • इलेक्ट्रिक शॉक द्वारा। • थर्मल चोट से हानि प्रायः करन्ट का प्रकार, उसकी फ्रीक्वेन्सी  वोल्टेज, कितने क्षे...

पानी में डूब जाने वाले आदमी का इलाज कैसे करे । How to treatment of drowing person in hindi

चित्र
              पानी में डूब जाना (Drowning)   रोग परिचय, कारण व लक्षण पानी में डूबने की स्थिति कभी-कभी दुर्घटना वश, कभी आत्महत्या  के इरादे अथवा कत्ल (मर्डर) के षडयन्त्र के असफल प्रयासों के  कारण होती है। जब कोई पानी में डूबता है तो इसकी सर्वप्रथम समस्या 'दम घुटना' है जो पानी के भीतर सांस के रास्ते बन्द हो  जाने तथा पर्याप्त ऑक्सीजन न मिलने के कारण होती है।  इसके अतिरिक्त कुछ जैविक रासायनिकपरिवर्तन भी होते हैं  जिनके कारण रोगी की दशा गम्भीर हो जाती है यहाँ तक कि मृत्यु  तक हो जाती है। चिकित्सकों को विशेषकर  ग्रामीणाञ्चलों में इस प्रकार के रोगी अधिक देखने में आते हैं।  किसी नदी तालाब या कुएं में गिर जाने से तथा तैरना न जानने से  सांस लेने के प्रयत्न के साथ पानी श्वसन मार्ग द्वारा फेफड़ों में  पहुंचकर उनको अवरूद्ध कर देता है, साथ ही मुँह खेलने से भी  मुख द्वारा भी पानी अन्दर (फेफड़ों व पेट में) चला जाता है। यदि  व्यक्ति समुद्र के पानी में डूबता है तो उसमें कैल्शियम व  मैग्नीशियम आयन के ...

Cause of heart attack in hindi हार्ट अटैक का कारण क्या है

चित्र
            हार्ट अटैक    दिल का दौरा  - Acute Myocardial Infraction हार्ट अटैक का कारण क्या है यह एक ऐसी अवस्था/स्थिति है जिसमें स्टर्नम के पीछे रोगी की  छाती में बहुत तेज दर्द उठता है (जोकि रोगी की जीभ के नीचे  'नाईट्रेस' (एञ्जीसिड) लेने के बाद भी आराम/ठीक नहीं होता।)  इसमें कार्डियक मांसपेशी (Muscle) के रक्त प्रवाह में रुकावट  के कारण से उस हिस्से/भाग की मृत्यु हो जाती है। यह रोग पुरुषों  में 45 वर्ष পনা अधिक तथा महिलाओं में 55 वर्ष अथवा अधिक  आयु में होता है। हृदय पोषक धमनियों की किसी बड़ी शाखा में  एक थक्का (किलॉट Clot, थाम्बेसिस Thrombus) के काार ण अथवा उसकी अन्दर की झिल्ली के नीचे विद्यमान Plague में  रक्तस्राव हो जाने से उत्पन्न Thrombus के कारण पूर्ण रूपेण  अवरोध होकर हृदय मांस को (मुख्यतः वाम क्षेपक के एक भाग  को) रक्त मिलना (यानि ऑक्सीजन का मिलना) सहसा बन्द हो  जाये तो उस भाग के मांस सूत्रों में मृत्यु की प्रक्रिया (Coagula  tion Necrosis) हो जाती है। इस मृदु हुए अथवा मृत ...